ग्लोबल पावर बनने की हनक में तो नहीं कर रहा चीन ऐसा दुस्साहस…
- LAC पर भारत और चीन के बीच बढ़ रहा है विवाद
- एक्सपर्ट्स ने कहा- चीन को जवाब देने में भारत सक्षम
आम तौर पर शांत दिखने वाले लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के आसपास सेना की हलचल बढ़ गई है. करीब 20 दिन पहले चीनी हेलिकॉप्टर्स भारतीय वायु सीमा के करीब आ गए थे, लेकिन भारत के फाइटर्स विमानों ने लेह एयर बेस से उड़ान भरकर उन्हें खदेड़ दिया था. हालांकि सेटेलाइट तस्वीरों से चीन की हिमाकत की पोल खुल चुकी है. ऐसे में चीन का इरादा क्या है, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है, लेकिन भारत उसे माकूल जबाव देने में सक्षम है.
इंडिया टुडे के न्यूजट्रैक प्रोग्राम में चीन के इस दुस्साहस पर पूर्व आर्मी चीफ बिक्रम सिंह ने कहा कि चीन बॉर्डर एरिया पर ऐसी हरकत कई बार कर चुका है और भारतीय सेना ने हर बार उसे माकूल जवाब दिया है. सीमा संधि का मुद्दा भी हल हो जाएगा, अगर इस पर आमने-सामने बातचीत होगी. ये डिप्लोमेट्स पर तय होगा.
उन्होंने कहा कि चीन ग्लोबल पावर बनना चाहता है. वो स्पेस, सुपर स्पेस हर जगह अपना वर्चस्व चाहता है, लेकिन इससे भारत को फर्क नहीं पड़ने वाला है. भारतीय सेना 1962 वाली नहीं है. हम काफी एडवांस हो चुके हैं और चीन को जवाब देने में सक्षम है.
#IndiaChinaFaceOff | China tests India’s resolve. What explains Chinese actions? Experts decode Beijing’s grand plan on #Newstrack. pic.twitter.com/gkCHZtS7aA
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) May 27, 2020
क्या खराब हो जाएगा अमेरिका का चीन से रिश्ता?
चर्चा के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष किशोर महबुबानी ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा अगले 10-20 वर्षों में निश्चित रूप से खराब हो जाएगी और भारत के लिए एक अवसर पैदा होगा.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि चीन की ये हरकत नई नहीं है, लेकिन सरकार को इस पर स्टैंड दिखाना चाहिए. चीन का मकसद क्या है, वो ऐसी दुस्साहस भरी हरकत क्यों कर रहा है, इसकी तह में जाना चाहिए. यूपीए के कार्यकाल में चीन से व्यापारिक रिश्ते मोदी सरकार से बिल्कुल अलग थे. इस लिहाज से भारतीय बाजार में चीन निवेश पर ध्यान देगा.
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चीनी मामलों के जानकार Michael Pillsbury ने कहा कि चीन के अपने पड़ोसियों से संबंध बीते कुछ सालों से अच्छे नहीं रहे हैं. ऐसे में वो उन पर दबदबा कामय रखना चाहता है. कोरोना महामारी से जूझने के बाद व्यापारिक रिश्तों में दरार ना आ जाए, शायद ये वजह भी बौखलाहट की हो सकती है. अमेरिका ने चीन में बड़ा निवेश किया है और भारत के अमेरिका से रिश्ते अच्छे हुए हैं, जो चीन को खटक रहा है.