एयर टिकट रिफंड मामले में SC सख्त, केंद्र सरकार से 3 हफ्ते में मांगा जवाब
- SC ने नागरिक विमानन मंत्रालय से जवाब तलब किया है
- प्रवासी लीगल सेल की याचिका पर सुनवाई हो रही थी
सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन अवधि के दौरान विमान यात्रा के लिए बुक टिकटों की पूरी राशि वापस किए जाने संबंधी याचिका पर नागरिक विमानन मंत्रालय से जवाब तलब किया है.
कोर्ट ने इस मामले में तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ गैर-सरकारी संगठन ‘प्रवासी लीगल सेल’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इसी याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
कोर्ट ने पूछे ये सवाल
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नागरिक विमानन मंत्रालय के अलावा एयरलाइन कंपनियों से भी कई सवाल पूछे. इस दौरान कोर्ट ने पूछा कि टिकट रिफंड को क्रेडिट के लिए कम समय अवधि क्यों दिया जा रहा है. क्या ग्राहकों को ज्यादा समय नहीं दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ग्राहक को कम से कम 2 साल का समय दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा कि ये सिर्फ उसी मार्ग के लिए सीमित क्यों किया जा रहा है.
क्या है मामला
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान जो एयर टिकट कैंसिल हुए हैं, एयरलाइन कंपनियां उनके पैसे लौटाने की बजाए क्रेडिट शेल कर रही हैं. मतलब ये हुआ कि रिफंड का पैसा वॉलेट में होगा और उसे आप सिर्फ उसी रूट के दूसरे फ्लाइट टिकट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही ये भी शर्त है कि पैसे 1 साल के भीतर खर्च कर देने होंगे. यानी आपको 1 साल में इस पैसे का टिकट बुक कराना ही होगा. एयरलाइन कंपनियों के इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
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बता दें कि देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. इससे पहले, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं बंद कर दी गई थीं. हालांकि, बीते 25 मई से घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं. कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर इन उड़ान सेवाओं के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी लागू की गई हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाएं अब भी ठप पड़ी हैं.